कविता

शनि का अंत

मेरे अनुज के
शब्दों में-
मुझे मूक प्राणी से
काफी प्यार है,
जैसे- पशु, पक्षी आदि ।
बात उस समय की है,
जब में 10 वर्ष का होऊंगा !
मेरे घर पर
काफी पशु, पक्षी
पालतू थे !
उन्ही में एक बकरी ने
‘एक सुंदर मेमना’ को
जन्म दिया ।
सफ़ेद रंग का….
यानी शांति का प्रतीक ,
उनका जन्म ‘शनिवार’ को,
इसलिए मैंने
उसका नाम
“शनि” रखा,
लेकिन
मुझे क्या पता था….
“शनि” नाम
उस मासूम
“आँखों” के लिए….
शनि ग्रह बन जायेगा !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.