कविता

फौजी

फौजी आन,बान,शान है
देश का गौरव,स्वाभिमान है
अपने देश के फौजियों पर
हम सबको बड़ा ही नाज है।
फौजी है तो देश सुरक्षित
दुश्मन तो पूरी तरह ही
पाता है खुद को असुरक्षित,
देश में आई हर विपदा से
आंधी, तूफान, बाढ़,महामारी
अन्यान्य प्राकृतिक आपदा में
भीषण दुर्घटना,
देशविरोधी ताकतों से
देश के भीतर बाहर
षडयंत्रकारियों से
हमें और राष्ट्र को बचाता
हमारा ही फौजी।
हर स्थिति, परिस्थिति में
डटा रहता, जुटा रहता
एक शपथ की खातिर
जान हथेली पर रखता,
देश की खातिर खुद को ही नहीं
परिवार को भी भूल जाता
हमारे देश का जाँबाज़ फौजी।
बिना डरे,झुके या विचलन के
हर हाल में भूख,प्यास और
मोह ,ममता, भय अथवा लालच के
निष्ठुर निर्मोही बनकर
सिर्फ़ कर्तव्य पथ पर डटा रहता
हमारे देश का जाँबाज फौजी।
देश ही नहीं, हम भी हैं
तभी तो पूर्ण सुरक्षित हैं,
हमारा फौजी जब मुस्तैद है
सुख सुविधा छोड़ जब डटा है।
जब हम चैन से घरों में सोते हैं
तब हमारी नींद में खलल न पड़े
सुख,सुविधा,नींद तजे दिन रात
अपने कर्तव्य पथ पर चौकन्ना
हमारे देश का जाँबाज फौजी।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921