कविता

आँसू

आँसुओं की भी
अजब कहानी है,
कहने को तो पानी है
पर गम और खुशी
दोनों ही इसकी कहानी है।
आँसू दु:खों का बोझ
कम कर देते हैं
खुशी में भी आँसू
निकल ही आते हैं।
कभी तो ये अनायास ही
बहने लगते है,
आपके अपने मन के भाव
दुनियां को बता देते हैं।
आँसुओं को पीना भी
बड़ा कठिन होता है,
आँसुओं को बहनें से रोकना
सबसे मुश्किल होता है।
आंसुओं की कोई जाति ,धर्म
ईमान नहीं है
अमीर गरीब की उसे
पहचान नहीं है।
सबके आँसुओं का
बस एक रंग है,
किसी भी आँख से बहे आँसू
पर रंग देख लो
कभी बदरंग नहीं है।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921