कविता

बेटियां

 

​बेटा है यदि वीर शिवाजी है,तो बेटी लक्ष्मीबाई है।

बड़े भाग्यशाली वो नर ,जिनके घर बेटी आई है।।

बेटा जीवनभर पास रहे,बेटी हो जानी पराई है।

लेकिन विपत्ति और संकट में,बेटी ही पहले आई है।।

बेटी दुर्गा बेटी लक्ष्मी,बेटी कल्पना,सुनीता है।

बेटी रामायण,महाभारत,बेटी ही भगवत् गीता है।।

इतिहास गवाह है ,बेटियों ने जब जब तलवार उठाई है।

रणभूमि हो गई रक्तभूमि,दुश्मन ने जान गँवाई है।।

प्रदीप कहें लो सभी शपथ,बेटी को खूब पढ़ाएँगे।

करके विरोध भ्रूण हत्या का,बेटी दुनिया में लाएँगे।।

प्रदीप शर्मा

आगरा, उत्तर प्रदेश