कविता

मन के शब्द

मन के शब्द पढ़ना बहुत आसान है।
अंतस के भावों से जुड़कर तो देखिए।।
इश्क में सफलता से बढ़कर कोई खुशी नही होती,
आपकी इस खुशी से कोई खुशगवार न होगा।
दूरियां बनाने खुशियां मिटाने के लिए,
दुनिया का हर पैतरा हर वार होगा।।
लड़ेंगे अपने ही, भावनाओं को तोड़ा जाएगा,
करनी हो पहचान तो ये गलती करके देखिए।।
 मन के शब्द पढ़ना बहुत आसान है।
अंतस के भावों से जुड़कर तो देखिए।।
हो सकता है इश्क में आपको वो बात ना मिले,
विश्वास तो मिले पर हमदम का साथ ना मिले।
भावों के संबंध से ही तुम अपनी बात रख लेना,
भले मत मिलना पर प्रीत के जज्बात रख लेना।।
इच्छाओं तमन्नाओं के इस अंधड़ तूफान में,
उम्मीद किसी भी रिश्ते से रखकर देखिए।।
मन के शब्द पढ़ना बहुत आसान है।
अंतस के भावों से जुड़कर तो देखिए।।
— मंगलेश सोनी

*मंगलेश सोनी

युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार मनावर जिला धार, मध्यप्रदेश