कविता

युवाओं का आवाहन

महान विशाल गौरवशाली भारत के
जोशीले युवा शक्तियों जागो
अपनी शक्ति को जागृति करो
आलस्य छोड़ हुंकार भरो
लक्ष्य की ओर बढ़ो
लक्षय प्राप्ति से पहले न रुको।
स्वामी जी को याद करो
उनका सिद्धांत अपनाओ
खुद के साथ साथ देश को आगे बढ़ाओ
अपनी शक्ति को मिसाल बनाओ।
ये देश ज्ञानियों, संतो ,महापुरुषों का है
वीरों वीरांगनाओं तत्वदर्शियों का है
धर्म, संस्कृति, अध्यात्म का है,
युवा शक्तियों तुम ही कल के भारत का
स्वर्णिम भविष्य ही नहीं कर्णधार भी हो
पूर्वजों के सम्मान का पतवार भी तुम हो।
अब तुम्हें ही भारत को आगे ले जाना है
दुनिया में इसका परचम लहराना है
तिरंगे का आन बान शान बढ़ाना है
तुम कमजोर नहीं हो ये सबको दिखाना है।
तुम्हें सशक्त बन अपना लोहा मनवाना है
आत्मनिर्भर बन आगे बढ़ते रहना है
विनम्र बनो, साहसी बनो, शक्तिशाली बनो
उमंग, उत्साह आत्मविश्वास से आगे बढ़ो
खुद पर विश्वास और सकारात्मक सोच रखो।
देश सबसे पहले है सदा सदा याद रखो
देशभक्ति का जज्बा हमेशा जागृति रखो
स्वामी जी को अपने दिलों में बसाए रखो।

*सुधीर श्रीवास्तव

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