कविता

जिंदगी

जिंदगी यू ही चलती रहे
हंसी खुशी में गुजरती रहे
कुछ अपनी कहे कुछ तुम्हारी सुने
थोड़ी सी फिक्र थोड़ा सा प्यार
दोस्तो के साथ सुबह और शाम

दोपहर अपनो के बाहों में
नींद रात के आगोश में
सपनों में कुछ पल बिताने में
वक़्त यू ही सरकती रहे

जीवन के हर पड़ाव पर
दोस्तों का साथ मिलता रहे
चीजें आती जाती है
समय एक सा नही रहता
मौसम बदलता रहता है
लोग मिलते बिछड़ते रहते है
ख्यालात बदल जाते है
जज्बात नही बदलता

दर्द में दिल से आह निकलता है
एक राह से राह निकलता है
गिरते संभलते चलना आ जाता है
चलते रहने से जीना आ जाता है

मुश्किलों से लड़ते लड़ते
तूफ़ां से टकराने का हौसला आ जाता है
मोहब्बत में जमाने से नजरें मिलाना
आग पर भी नंगे पांव चलना आ जाता है

प्यार हो अगर जिंदगी में
जर्रे जर्रे में ख़ुदा नजर आता है
मुझे तो बस तेरी निग़ाहों में
इश्क़ नजर आता है

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- bablisinha911@gmail.com