ब्लॉग/परिचर्चा

जितेंद्र कबीर के मुक्तक-पोस्टर्स- 1

आज हम आपको एक नई शख्सियत से मिलवा रहे हैं, जिनका नाम है- जितेन्द्र कुमार. जितेन्द्र कुमार से जितेन्द्र ‘कबीर’ बनने तक के सफर की बात बाद में, पहले आप रसास्वादन कीजिए जितेंद्र ‘कबीर’ के मुक्तक-पोस्टर्स का.

 

 

जितेंद्र भाई से हमारी मुलाकात एक साहित्यिक मंच ‘हिंदी साहित्य दर्पण’ में हुई. इनके चित्रमय मुक्तक (पोस्टर) देखकर मन आह्लादित हो गया. जितेंद्र भाई की जन्मतिथि 22.12.1980 है. जितेंद्र भाई बचपन से कबीर के लेखन से प्रभावित रहे हैं, इसलिए इन्होंने अपना साहित्यिक नाम जितेन्द्र ‘कबीर’ चयनित किया. चम्बा हिमाचल प्रदेश के जितेंद्र भाई कवि भी हैं, लेखक भी और अध्यापक भी. वे कला के अध्यापक हैं. इनके पोस्टर्स में इनकी कला का निखार द्रष्टव्य है और सराहनीय भी. जितेंद्र भाई के मुक्तकों की विशेषता है लौकिक होना और अलौकिक भी, प्रियतमा से निश्छल प्रेम के प्रतीक भी और परमात्मा से मधुरिम साक्षात्कार के प्रतीक भी. जितेंद्र भाई के मुक्तक में जितना भाव-वैभिन्न्य मिलता है, उतना ही पोस्टर्स की कलाकारी में भी. प्रस्तुत हैं आज की पहली कड़ी में जितेंद्र भाई के 11 मुक्तक-पोस्टर्स. अगर पाठकों को यह ब्लॉग पसंद आएगा, तो भविष्य में भी यह शृंखला जारी रहेगी. जितेन्द्र ‘कबीर’ के बारे में अभी बस इतना ही, शेष आपके-हमारे द्वारा कामेंट्स में.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244