कविता

पावन प्यार है कविता

किसी का पावन प्यार है कविता,
पुण्य हृदय मनुहार है कविता।
लगन, मगन ,अर्पण व वन्दन,
जीवन का आधार है कविता।
वेद व्यास की  ज्ञान है कविता,
 रामायण, वेद ,पुराण है कविता।
जीवन के अविरल मूलमंत्र सी,
कबीर ,रहीम ,रसखान है कविता।
सुर और लय की शान है कविता,
कोमल मन की राग है कविता।
भाव भरी मधु ताग है कविता,
प्रभु के प्रति अनुराग है कविता।
निर्झर बहती जलधार है कविता,
अमृतरस फुहार है कविता।
तन मन को जो शीतल कर दे,
बादल का वो प्यार है कविता।
— वन्दना श्रीवास्तव

वन्दना श्रीवास्तव

शिक्षिका व कवयित्री, जौनपुर-उत्तर प्रदेश M- 9161225525