गीत/नवगीत

भारतीय नववर्ष

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आज है
हम सबका नव वर्ष आज है ।।

झूमो नाचो धूम मचाओ
एकता का संदेश दर्शाओ
अपने धर्म पर हमें नाज़ है
हम सबका नववर्ष आज है ।।

शुरू हुआ सम्वत उन्यासी
खुशी मना लो भारतवासी
भगवा ध्वज घर‌ पर लहराओ
‌‌ सोई संस्कृति फिर से जगाओ
उत्सव का दिन आज खास है
हम सबका नववर्ष आज है ।।

पारम्परिक वस्त्र कर धारण
मंत्र श्लोक का करें उच्चारण
सोई शक्तियां फिर से जगा लें
जगदम्बा की चौकी लगा लें
नवरात्रि का दिन, प्रथम आज है
हम सबका नववर्ष आज है ।।

ढोल नगाड़े झांझ बज रहे
केशरिया रंग खूब सज रहे
छुआछूत का किला ढहा दो
भेदभाव सब मन से मिटा दो
समय का यह संदेश साफ है
हम सबका नववर्ष आज है ।।

मिलना जुलना और बढ़ाओ
‌संस्कारों से प्रीति निभाओ
दीन दुखियों को गले लगाओ
जो भटक गए उन्हें वापस लाओ
शक्ति से बनते सगरे काज हैं
हम सबका नववर्ष आज है ।।

नवसम्वत्सर हो फलदायक
कष्ट मिटे सब हो शुभदायक
रोग और व्याधि से दूर रहें सब
घर परिवार से पूर्ण रहे सब
छटे धुन्ध, कहे दिल का साज है
हम सबका नववर्ष आज है
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आज है
‌ हम सबका नववर्ष आज है ।।

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई