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हायकू : राधिका
भीगे नयन निहारि छटा कही राधिका बैन/ १ कान्हा के मन राधिका बसत हैं शृंगार बन …/ २ दिल तू राधा झूठा यह संसार लगत बाधा,,,३ रैन राधिका कहते नयनन दिल भाविका ४ श्याम राधिका नाम राधिका तेरा कान्हा प्रेमिका ५ नभ मे राधा तन मे राधेश्याम फिर क्यों व्याधा ,,,६ — राजकिशोर मिश्र [राज]
हाइकु/सेदोका : अथाह प्रेम
अथाह प्रेम लाख चाहा मगर फिर भी तन्हा काँटों से भरी है ये प्रेम डगर दुविधा में हूँ छायी बदरी व्याकुल फिर मन गीला तकिया समन्दर तू मैं नदिया हूँ प्यासी कशमकश अंजु गुप्ता
नवरात्रि के हाइकु
नवरात्रि के हाइकु 01 दक्ष नाशिनी बहुवर्णी देवि मां भव मोचनी। 02 ऐन्द्री कौमारी वाराही माहेश्वरी विशाला ग्राही। 03 मां उत्कर्षिणी चण्डमुण्ड मारिणी सर्वास्त्रधरिणी। 04 शंकर वरी कुमारी कन्या शैवा ज्वालदंशिनी। 05 रौद्र रूप हो काल कराली काली कालरात्रि हो। 06 ब्रह्म की छाया शिवदूती प्रत्यक्षा तपस्वी माया। 07 हो नारायणी भद्रकाली मां तुम […]