ब्लॉग/परिचर्चा

भीड़-भड़क्का

पहले होती है भीड़, फिर होता है भड़क्का, उसके बाद भगदड़ और नतीजा होता है भयानक हादसा.
अभी हाल ही में कुछ इतनी भयानक दुर्घटनाएं हुई हैं, कि देश-दुनिया को हिलाकर रख दिया है.
ऐसा ही एक हादसा देश में हुआ है. गुजरात के मोरबी में रविवार को मच्छु नदी पर बना 140 साल पुराना केबल सस्पेंशन पुल गिर गया. इस केबल पुल के टूटने की खबर से पूरा देश हिल गया. बताया गया है कि जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त कई लोग पुल पर ही थे. इसके टूटते ही लोग नदी में गिर गए. भीड़ से भड़क्का हो गया और भयानक हादसा हो गया.

ऐसी खतरनाक जगह पर लोगों को नहीं जाना चाहिए, बल्कि अपनी सुरक्षा हेतु सावधानी रखनी चाहिए, ब्रिज की सहनशीलता से ज्यादा लोग थे. दिवाली की छुट्टियों के चलते यह भीड़ तफरी करने आई थी. एक परिवार भीड़ से घबराकर वापिस जाने लगा. कुछ युवक पुल को जोर-जोर से हिला रहे थे. हैंगिग पुल हिल रहा था. उनका परिवार डर गया तो वे लोग पुल से उतर आए. नीचे आते ही जोर से चीखें सुनाई दीं और देखा कि पुल टूटकर नदी में गिर गया. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने वहां मौजूद कर्मचारियों को युवकों की शिकायत भी की लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया.

गुजरात के मोरबी पुल हादसे में 135 की मौत हो चुकी है। अभी भी कई ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं चल पाया है। सर्च ऑपरेशन मंगलवार को भी जारी रहा। वहीं हादसे में मारे गए लोगों के घर में मातम पसरा हुआ है। हर कोई अपनों के जाने के गम से बेहाल है। रात भर कब्र खोदी गईं और श्मशान में लाशें जलती रहीं। इस हादसे ने गुजरात के तकरीबन 200 परिवारों को कभी न भूलने वाला गम दे दिया है।

मोरबी हादसे में न जाने कितने परिवार तबाह हो गए! माता-पिता की मौत, परिवार में अकेला जिंदा बचा 4 साल का बच्चा. उमा बस्ती निवासी के मुताबिक उनके पड़ोसी हार्दिक फल्दू, उनकी पत्नी मीरालबेन, चार साल का बेटा जियांश, हार्दिक का चचेरा भाई हर्ष जलावडिया और उनकी पत्नी केबल ब्रिज देखने गए थे. ऐसे अनेक किस्से फिज़ा में फैले हुए हैं.

Morbi Bridge Tragedy: सब छिन गया, बस अपनों की तस्वीरें ही बची हैं…मोरबी ब्रिज हादसे की चार दर्दनाक दास्तां
आरिफ शमदार ने इस हादसे में अपनी पत्नी और दो बच्चों को खो दिया है। वह फोन पर उनकी तस्वीर दिखाते हुए रो पड़ते हैं। कहते हैं, ‘जिनसे मैं बेहद मोहब्बत करता था, वो सभी हादसे में छिन गए।’

12 साल के यश देवदाना (बाएं) और उनके चचेरे भाई राज भगवानजी (13) ने भी हादसे में जान गंवा दी। मोरबी में उनके घर के बाहर उनकी तस्वीर रखकर माला चढ़ाई गई।

नसीमा बेन शमदार (40) पुल हादसे में बच गईं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी मुस्कान (21), दो भतीजे-भतीजियां और दो ननद को हमेशा के लिए खो दिया।

अनिश्क मकवाना ने इस हादसे में भतीजे, दादी और एक रिश्तेदार को खो दिया। रातभर कब्र खोदकर उन्हें दफनाया गया। रविवार को हुए हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। साथ ही ढेरों सवाल भी उठ रहे हैं कि ब्रिटिश काल में बना यह पुल मरम्मत के पांच दिन बाद ही कैसे ढह गया।

ऐसा ही एक भयानक हादसा हुआ कोरिया के सियोल में मची भगदड़ से! एक सेलिब्रिटी के कारण सियोल में यह भगदड़ मची! इस हादसे में भी 150 लोगों की मौत हो गई.
हैलोवीन के दौरान मची भगदड़ के बाद हार्ट अटैक की वजह से देखते ही देखते कई लोगों की मौत हो गई. आईटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस समय लोग एक गली में मौजूद थे वहां पर अचानक लोगों के ग्रुप को कोई सेलिब्रिटी नजर आया. इसके बाद वह ग्रुप बार की तरफ भागने लगा और देखते ही देखते भगदड़ मच गई. यह सेलिब्रिटी गली के आसपास ही मौजूद किसी जगह पर मौजूद था. उसके नजर आने के बाद लोग पागल हो गए और फिर उनकी दीवानगी इस हादसे की वजह बन गई. मौके पर ही 50 लोगों को दिल का दौरा भी पड़ा था.

हैलोवीन की हैलो की गूंज भारत में भी हुई. किसी ने सफेद पाउडर से पोता चेहरा तो किसी ने खून जैसे रंगे होंठ, बॉलीवुड की हैलोवीन पार्टी में दिखे गजब चेहरे—-हैलोवीन के लिए मुंबई में जब पार्टी थ्रो की गई, तो उसमें कई सिलेब्रिटी और बड़ी फैमिलीज से जुड़े लोग शामिल होते दिखाई दिए. इनमें ज्यादातर यंग अडल्ट्स थे. इन मेहमानों में शामिल जाह्नवी के होंठ जहां गहरी लिप्स्टिक से रंगे दिखे, तो वहीं जॉर्जिया का चेहरा सफेद पाउडर से कवर्ड दिखा.
हैलोवीन एक त्यौहार है, जो 31 अक्टूबर की रात को मनाया जाता है. हैलोवीन मूलतः सेल्टिक लोगों का त्यौहार था हैलोवीन गतिविधियों में शामिल हैं चाल या उपचार, भूत पर्यटन, होलिका ., पोशाक पार्टियों, दौरा “प्रेतबाधित घरों” और लकड़ी की खोदाई छलावा । इस दिन बच्चों को बांटने-खिलाने के लिए चॉकलेट आदि का प्रबंध रखा जाता है. लोहड़ी की तरह बच्चे घर-घर जाकर “हेलो हैलोवीन” कहते हैं, तब उन्हें चॉकलेट बांटी-खिलाई जाती हैं.

भीड़ का एक बड़ा कारण भेड़चाल भी है. त्यौहारों-पर्वों पर धार्मिक स्थानों में एकसाथ इतनी भीड़ उमड़ती है कि ढंग से देव-दर्शन करना भी मुश्किल हो जाता है. एक तरफ पुजारी लोग झटपट आगे बढ़ने को कहते हैं, दूसरी ओर पीछे से लंबी-लंबी कतारों के धक्के लगते हैं. फिर भी हम खुश होकर कहते हैं- “बहुत अच्छे दर्शन हुए, बहुत रौनक थी.” गोया हम रौनक देखने ही गए थे. ऐसे में भी बहुत-से हादसे होते हैं.

5000 साल पुरानी परंपरा, 1932 की वह सहमति… जानें साल में 2 बार 5 घंटे के लिए क्यों बंद होता है यह एयरपोर्ट
एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का संचालन साल में दो बार सस्पेंड किसी टेक्निकल कारण से नहीं बल्कि धार्मिक कारण से होता है. यह धार्मिक कारण है मंदिर का जुलूस. यह जूलूस एयरपोर्ट के रनवे से निकलता है और इस कारण 5-6 घंटे फ्लाइट्स सस्पेंड रहती हैं. इस जुलूस की परंपरा सदियों पुरानी है. यह भी कहा जाता है कि मंदिर का यह जुलूस 5000 साल से ऐसे ही निकलता आ रहा है. दो साल पहले जब कोरोना चरम पर था फिर भी मार्च 2020 में यह जुलूस धूमधाम से निकाला गया था. यहां तक कि इस जुलूस में सैकड़ों लोग जमा भी हुए थे. भीड़ मर्यादित रहे तो हादसे से नहीं भी हो सकते हैं.

जो लोग भीड़ का हिस्सा नहीं होते, वे नए अद्भुत कार्यों को अंजाम दे सकते हैं. अब सौरभ को ही देख लीजिए! छत पर सब्जियां उगाकर 5 स्‍टार होटलों को गार्डनिंग सिखा रहे सौरभ, कभी मंदी ने छीनी थी नौकरी.

दो किरदार, एक सी कहानी..तोड़ दिए ‘ताकत’, ‘हिम्मत’ से जुड़े स्टीरियोटाइप्स
ताकत’ को पुरुषत्व से जोड़ने की पुरानी आदत भी रही है और पुरानी सोच भी. लेकिन पूनम गुप्ता, काजल वर्मा ने स्टीरियोटाइप्स तोड़ दिए हैं. राजस्थान की बैंक मैनेजर पूनम ने बैंक लुटेरों को खदेड़ दिया। हाथ में चाकू लिए लुटेरों को पूनम ने प्लास लेकर खदेड़ दिया.
काजल वर्मा दिल्ली के बाजार में सिक्योरिटी गार्ड का काम कर रही हैं. वे दिल्ली के सदर बाजार की भीड़ में काजल महिला सुरक्षा संभाल रही हैं.

ऐसे अनेक किस्से हमें आए रोज पढ़ने-सुनने को मिलते हैं. आइए भीड़-भड़क्का, भगदड़ और भयानक हादसों से किनारा करें और अपनी ताकत को पहचान कर देश-दुनिया को शोभायमान करें.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244