गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

गायब  है  मुस्कान अधर  से
हर  व्यक्ति  कंपित है ड़र  से
अहसासो की  कब्र  खुदी  है
कहीं  चले हम  दूर  शहर  से
बहती  मिले  जहां  जल  धार
बहते   हो   झरने   निर्झर  से
जहां  पे  बोली  खग  की   हो
गाये  कोयल  मधुरिम  स्वर से
मिले  बाग   तो   करे   आराम
मिटे थकन, जो मिली सफर से
न  हो  घुटन, धूमक और  शोर
गुजरे हम जिस और जिधर से
न हो तनाव जहां, न अभिमान
डरे  वक्त  के  कोप,  कहर  से
रहे  जहां   सब  अपनेपन   से
बचे  नीच  और  बुरी  नजर से
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त