कविता

नन्ही सी गुड़िया

नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
खेलने की उम्र में
मत धकेलो मुझे
रिश्तों के बंधनों में
चूल्हे चौके की
ज़िम्मेदारीयों में
कर बाल विवाह
बहुत छोटी हूँ
कोमल सी, अल्हड़ सी
मत करो कुर्बान बचपन
मेरा यूँ बाल विवाह की
बलिवेदी पर।
नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
तन और मन के शोषण
से घबराती बड़ा
मैं तो खुद बच्ची हूँ
कैसे उठाऊँ बोझ ये
बेमन से ।।
नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
खेलने, पढ़ने, चहकने,
की बाली उम्र में मत
छीनो बचपन मेरा
कर बाल विवाह का
अन्याय ।
मैं तो हूँ जी नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
मैं तो हूँ जी नन्ही चिड़िया
आँगन से उड़ने से डरती बड़ा।।
नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
नन्ही सी गुड़िया
बिखरने से डरती बड़ा
मासूम सी हूँ परी माँ बाबा
की मत करो उसे विदा कर बाल विवाह
जी लेने दो ,सांस लेने दो,
पनपने दो, खिलने दो
बड़े हो न आप तो फिर क्यों
करते बाल हठ बाल विवाह
की सामाजिक रीति के नाम।
नन्ही सी गुड़िया
टूटने से डरती बड़ा
इसलिये बस जीने दो
बचपन मेरा
कोमल सी कली को खिलने
 से पहले मत टूटने दो।।
— मीनाक्षी सुकुमारन

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |