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क्षमा भाव का महत्व

 

दो अक्षरों का छोटा सा शब्द क्षमा।जिसका फलक अत्यंत व्यापक और विस्तार का कारक है।
दोषमुक्ति, सहनशीलता और मुक्ति, ये क्षमा के वास्तविक प्रकार हैं। आइए प्रत्येक को बारी-बारी से लें। जब हम “क्षमा” कहते हैं, तो प्रायः हम जो सोचते हैं, उसके सबसे पास जो महसूस होता है वह है दोषमुक्ति।
क्षमा स्त्री लिंग है। क्षमा का मुख्य आशय दोष, भूल अथवा अपराध को बिना प्रतिकार,यहां बिना विरोध की भावना के सहन की प्रवृत्ति, सहनशीलता। जिसको माफ़ी भी कह सकते हैं।
क्षमा का जीवन में बहुत ही महत्व है। अगर हम मानव कोई गलती करें और उसके लिए माफी मांग लें, तो निश्चित मानिए कि सामने वाले का गुस्सा काफी हद तक और बहुत बार पूरी तरह दूर हो जाता है। जिस तरह क्षमा मांगना मानव व्यक्तित्व का एक अच्छा गुण मान सकते हैं , उसी तरह किसी को क्षमा कर देना भी हमारे व्यक्तित्व में चार चांद लगाने और हमारे बड़े व्यक्तित्व के दर्शन करने, कराने का काम भी करता है।
क्षमा को प्रेम का खूबसूरत परिधान कहा जाना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा ।
वास्तव में क्षमा हमें किसी के किए गए गलत व्यवहार, कृत्य का प्रतिशोध लेने , दंडित या अपमानित करने की आजादी नहीं देता। हम सभी के लिए क्षमा का अर्थ है अपने मित्रों, परिचितों या किसी अन्य के साथ हमारे प्रति उनके  दुर्व्यवहार के लिए दंडित न करना ही है। कभी-कभी हम लोग या अन्य कोई भीऐसी चीजें करते हैं जो हमें या दूसरों को चोट पहुंचाती हैं, लेकिन हमें उन चीजों को नजरंदाज कर जीवन में अग्रसर रहने की जरूरत है।
आम धारणा भी कुछ ऐसा ही है और हमें अपने जीवन में इसका स्वयं से अनुभव होता है। छोटी छोटी बातें क्षमा के अभाव में बहुत बड़ी हो जाती हैं।जिसकी कल्पना तक हम नहीं करते हैं। जीवन भर के संबंध, संबंधों में दूरी, बोलचाल तक ही बंद नहीं होता, दुश्मनी का रुप धारण कर लेता है।
एक दूसरे को नुक़सान पहुंचाने की जिद और मिटाने की हद तक जाकर, हिंसात्मक स्तर तक पहुंच जाता है, खून खराबा, हत्या, आदि तक देखा गया है।
वहीं बहुत बार देखा गया है कि बिना प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए, भूल का अहसास कर या कराते जाने पर क्षमा बड़ी बड़ी समस्या को बहुत ही आसानी से मुक्त दिला देता है।
जरुरत है क्षमा की व्यापकता को समझने और सहनशीलता को आत्मसात करने की। क्षमा करने या मांगने को अपने अपमान से न जोड़ने की , अपितु क्षमा के गर्भ में छिपे परिणाम के सापेक्ष हासिल होने वाले परिदृश्य को समझने की।
क्षमा करने से या अपनी जानें अंजाने भूल के लिए क्षमा मांगने को खुले मन से  सामने वाले तक पहुंचाया जाये।
यदि हम अपने जीवन में क्षमा को शामिल कर लें तो यकीन मानिए, हमारे जीवन के तनावों में अप्रत्याशित कमी हमें खुद बखुद हमारे जीवन में महसूस होने लगेगी।

प्रस्तुति

 

*सुधीर श्रीवास्तव

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