गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

प्यार की दुनिया बसायी प्यार से
रीत हमने सब  निभायी प्यार से
वो मगर था  बेवफा जाना  तभी
दे गया वो भी दगा जब प्यार से
टूटने का सिलसिला भाता नही
दिल को पत्थर कर दिया है प्यार से
खो गया वो जो बहुत था कीमती
की शिकायत रब से हमने प्यार से
होशियारी से निकाले काम वो
धूल झोंके आँख में वो प्यार से
आँख कर लेते हैं टेढ़ी भी कभी
काम जब चलता नही है प्यार से
थी नही अपनी जरुरत जब वहां
हम निकल आये वहां से प्यार से
झोपडी में भी दिखी हमको खुशी
जिन्दगी की जंग लड़ते प्यार से
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त