बाल कविता

तिरंगा हम फहरायेंगे 

झंडा ऊंचा रहे हमारा,

लगता सबसे एकदम न्यारा,

तीन रंगों से सजकर ये झंडा,

दिखता देखो कितना प्यारा।

हरा रंग हरियाली बतलाता,

त्याग करना केसरिया सिखलाता,

धवल रंग जो सजे बीच में,

शांति का पैगाम वो लाता।

आन बचाता भारत की ये,

बान दिखाता भारत की ये,

आंच न इस पर आने दें हम,

शान बढ़ाता भारत की ये।

प्राण अपने गंवा देंगे हम,

सर्वस्व अपना लुटा देंगे हम,

भारी हर विपदा पर भारत,

दुश्मन को आज बता देंगे हम।

हर सिम्त इसे हम लहरायेंगे,

प्रेम सुधा बस बरसायेंगे 

झुकने देंगे न कुछ भी हो जाए,

हर घर तिरंगा हम फहरायेंगे।

— पिंकी सिंघल

पिंकी सिंघल

अध्यापिका शालीमार बाग दिल्ली