गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

गर दबा नहीं है दर्द की तुझ पे

दिल में दर्द जगाता क्यों हैं

जो बीच सफर में साथ छोड़ दे

उन अपनों से मिलबाता क्यों हैं

क्यों भूखा नंगा ब्याकुल बचपन

पत्थर भर पेट खाता क्यों हैं

अपने ,सपने कब सच होते

तन्हाई में डर जाता क्यों हैं

चुप रह कर सब जुल्म सह रहे

अपनी बारी पर चिल्लाता क्यों हैं

— मदन मोहन सक्सेना

*मदन मोहन सक्सेना

जीबन परिचय : नाम: मदन मोहन सक्सेना पिता का नाम: श्री अम्बिका प्रसाद सक्सेना जन्म स्थान: शाहजहांपुर .उत्तर प्रदेश। शिक्षा: बिज्ञान स्नातक . उपाधि सिविल अभियांत्रिकी . बर्तमान पद: सरकारी अधिकारी केंद्र सरकार। देश की प्रमुख और बिभाग की बिभिन्न पत्रिकाओं में मेरी ग़ज़ल,गीत लेख प्रकाशित होते रहें हैं।बर्तमान में मैं केंद्र सरकार में एक सरकारी अधिकारी हूँ प्रकाशित पुस्तक: १. शब्द सम्बाद २. कबिता अनबरत १ ३. काब्य गाथा प्रकाशधीन पुस्तक: मेरी प्रचलित गज़लें मेरी ब्लॉग की सूचि निम्न्बत है: http://madan-saxena.blogspot.in/ http://mmsaxena.blogspot.in/ http://madanmohansaxena.blogspot.in/ http://www.hindisahitya.org/category/poet-madan-mohan-saxena/ http://madansbarc.jagranjunction.com/wp-admin/?c=1 http://www.catchmypost.com/Manage-my-own-blog.html मेरा इ मेल पता: madansbrac@gmail.com ,madansbarc@ymail.com