विज्ञान

आदित्य एल-1से प्राप्त होगी सूर्य की विभिन्न जानकारियां

एक जानकारी के मुताबिक सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा से होने वाला है। अंतरिक्ष यान पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर यात्रा करेगा। जो सूर्य से सम्बंधित बहुत सी जानकारियां उपलब्ध कराएगा।कुछवर्ष पूर्व वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ दिनों पूर्व सूर्य पर चुम्बकीय तूफान सूरज की सतह पर विस्फोट के बाद पैदा हुआ था। इसकी रफ्तार काफी तेज थी। वैज्ञानिकों की मानें तो इस तूफान से सेटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है। इससे इसका प्रभाव विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल कम्युनिकेशन और मौसम पर भी देखने को मिल सकता है।इस सौर तूफान को अपनी तरह का सबसे शक्तिशाली एक्स 1-क्लास सोलर फ्लेयर के रूप में जाना जाता है। नासा के अधिकारियों ने इसे महत्वपूर्ण सोलर फ्लेयर

करार दिया है। इस सौर तूफान को अंतरिक्ष एजेंसी के सोलर डायनेमिक आब्जर्वेटरी के रियल टाइम वीडियो में कैप्चर भी किया गया है।अंतरिक्ष  से धरती की ओर एक सोलर तूफान काफी तेजी से बढ़ रहा था। यह विदेशो से प्राप्त जानकारी का अध्ययन खगोलशास्त्रियों ,वैज्ञानिकों

,ज्योतिषों आदि द्धारा किया जाकर सूर्य ग्रहण के संबंध में नवीनतम जानकारी प्राप्त की जाकर सौर ज्वालाओं से बचा जा सकता है |उल्लेखनीय है कि इसके कुछ वर्ष पूर्व सूर्य का त्रिआयामी तस्वीर लेने गया खोजी अभियान नासा ने दो उपग्रह प्रक्षेपित किये गए थे |इस स्टीरियो अभियान का मकसद  सूर्य का त्रिआयामी तस्वीर के अलावा सूर्य से उत्पन्न होने वाली सौर उर्जा के बारे मे अध्ययन से शक्तिशाली सौर ज्वालाओं की उत्पत्ति के बारे मे सही अनुमान लगाया जा सकना था,क्योकि इसके कारण चुम्बकीय तूफान पैदा होते है ,जिससे धरती संचार प्रणाली के तहस-नहस होने की आशंका हमेशा बनी रहती है |सूर्य पर तूफान कभी भी आ सकता है ,जिससे अन्तरिक्ष मे उपग्रह तथा अन्तरिक्ष यानों को भी क्षति पहुंचने कि आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।खगोलशास्त्रियों ने दावा किया कि सूर्य अपनी सतह की बजाए  किनारों से ज्यादा गर्मी उत्सर्जित करता है और गर्मी नाभिकीय विखंडन के जरिये उत्पन्न होती है |इसी कारण सूर्य के धब्बों से अन्तरिक्ष मे तूफान आने की संभावना बनी रहती है |सूर्य तूफान से उल्कापिंड भी प्रभावित होकर पृथ्वी के वायु मंडल में प्रवेश होने से जलते हुए उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में देखे जाते रहे है।सूर्यग्रहण के अध्ययन के अलावा भारत के  आदित्य एल-1प्रक्षेपण  से भी भविष्य में नई  जानकारियां चुम्बकीय तूफान आदि के संबध में प्राप्त हो सकेगी।

— संजय वर्मा”दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच