कविता

जिंदगी के सवाल

जिंदगी क्या है?हम सबके के लिए इसका न केवल अलग अलग जाल है,बल्कि सवालों का मकड़जाल हैपर हर सवाल का हल भी तोइसी जिंदगी में मिलता है,यह अलग बात हैकि हमें समझ नहीं आता है,हम खुद भ्रमित रहते हैं,जिंदगी को सिर्फ सवालों का हीबड़ा कारक समझते हैंजिंदगी से मिलते जबाब कोन तो हम स्वीकार करते हैं,और न ही सम्मान करते हैं।बस इसीलिए हमारे लिए जिंदगीसिर्फ सवालों का पुलिंदा है।पर कभी यह भी तो सोचिएकि जिंदगी के सवालों के दम पर ही हम जिंदा हैंवरना इस जीवन की न कोई अदा है।बस जिंदगी के सवालों का मिलता है जो भी जवाबउसे भी महसूस कर समझिएपढ़िए और खुले मन से स्वीकार कीजिए।तब देखिए जिंदगी के सवाल आपको भाने लगेंगे,आप खुद उसके सवालों के गुण गाने लगेंगेजिंदगी के हर सवाल को अपनाने लगेंगेजिंदगी के नाम पर नाचने गाने लगेंगे।

*सुधीर श्रीवास्तव

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