गीत/नवगीत

नवगीत

मूर्ख न सुनना चाहे उत्तर ।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर।

जबकि अपनो से खट पट हो ,
या कि रिश्तों पर संकट हो,
पल मे हालत चित से पट हो,
अश्रु गिरे नैनो से झर झर ।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर ।

जब गुस्से का ज्वार प्रबल हो ,
भाव विपिन में दावानल हो ,
उर पीड़ा से अति विह्वल हो,
उथल पुथल हो मन के भीतर।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर ।

गुरू बना बैठा लंपट हो ,
पाले मन में महाकपट हो ,
या खंजर थामे मरकट हो ,
और मूर्ख पलते हो घर घर।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर ।

जब पावस हो दादुर गाये,
कीट पतंगे भी हरषाये,
कोयल मन ही मन दुहराये,
बस बसंत जाने पंचम स्वर।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर ।

सभा सजी हो मतिमंदो की,
मानचित्र रटते अंधो की ,
कायर कथा कहें द्वंदो की ,
लोभी कहता जग है नश्वर ।
चुप रहना ही है श्रेयस्कर ।

-डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार