कविता

हम हैं भारत के भाग्य विधाता

मत दे मत उसको जो करते राष्ट्र का विनाश है।

स्वच्छ लोकतंत्र के खातिर ईमान ही विश्वास है।

देश  की तकदीर यदि बदलनी हो तो,

सच्चे सेवक को चुनना होगा।

बदलेगी तस्वीर एक दिन

देश की जरूर,

मतदान सोच समझकर करना होगा।

मत दो मत उसको जो देते जनता को धोखा।

फिर क्यों उसे देते  हो बार-बार मौका?

सच्चे इंसान को चुनोगे।

तभी अच्छे राष्ट्र को बुनोगे।

रखना अपने ईमान को जिंदा।

फिर नहीं करनी पड़ेगी अपने 

नेता की कभी निंदा।

सोचो, समझो और तोलो।

अपने मत के साथ बोलो।

हम हैं भारत के भाग्य विधाता।

हम भारत के लोकतंत्र के मतदाता।

जनमत है हमारा अधिकार, 

फिर क्यों करें हम मत देने से इनकार?

रखना कर्तव्यों को जरा संभाल कर।

ज़रा पहचानो अपने अधिकारों का प्रयोग कर।

— डॉ.कान्ति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773