कविता

दर्द का रिश्ता 

तेरे दर्द से मेँ अंजान नहीं हूं, 

अपने आसुओं को रोककर रखना, 

दुनिया उन आसुओं का मज़ाक ना बना दे,

अपनी बात किसी से ना कहना, 

रख ईश्वर पर सदैव विश्वास तू, 

काले बादल भी छठ जाएंगे, 

सूरज की रोशनी तुम्हारे जीवन में उजाला लाएगी, 

चेहरे पर मुस्कान बनाए रखना, 

आशा की अलख जलाये रखना, 

हर कदम पर होगी जय कार तुम्हारी,

अपने दर्द को बांध कर रखना, 

दुख के बादल छठ जाएंगे, 

अपना विश्वास बनाए रखना,

हर तरफ खुशिया आएगी,

दर्द से रिश्ता बनाए रखना, 

तेरे दर्द से मेँ अनजान नहीं, 

तू भगवान पर विश्वास बनाए रखना। ।

— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384