कविता

पाकिस्तानियों का दर्द

अब  सुनो  हमारी  सरकार

अपनी  आवाम  की  पुकार

कुछ करो काम निर्माण का

मिले जन-जन को रोजगार।

आजाद हुए हुआ 76 साल

आज भी स्थिति है बदहाल

त्याग कर संकुचित विचार

सुधारो देश  का  अब हाल।

देखो जन-जन है परेशान

महँगाई ने ली सबकी जान

छोड़कर  विध्वंसक  काम

दो निर्माण  पर अब ध्यान।

छोड़कर आपसी तकरार

करो भाईचारे का विस्तार

बने सुंदर अपना  देश भी

तुमसे विनती है सरकार।

देखो  वो  हुआ  आबाद

और  हो  गए  हम बर्बाद

जबकि  दोनों साथ-साथ

हुए थे ब्रितानी से आजाद।

थोड़ा चिंतन करना जरूर

इसमें  स्वयं  का  है कसूर

था अवसर हमारे पास भी 

कुछ  करने   का  भरपूर।

अब सुनो हमारी सरकार

थोड़ा  करो  तुम  विचार

आओ करें शुभकाम हम

बने  सुंदर अपना संसार।

— कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

कुमकुम कुमारी "काव्याकृति"

मुंगेर, बिहार