सामाजिक

ये कैसा महिला दिवस, दुष्टों ने साम्राज्ञी को सामग्री बना दिया

कालिका देवी आवेश में बोली- नारद ! पूरे विश्व में साम्राज्ञी को सामग्री बनाकर नारी सशक्तिकरण का नाटक किया जा रहा है. भारत ही नहीं पूरा विश्व ही अमेरिका-ब्रिटेन का अंधानुकरण और अनुसरण कर रहा है, जहां स्कूलों में गर्भपात की सुविधा होते हुए भी हर साल लाखों किशोरी कुंवारियां मां बन जाती हैं और उनकी तथा उनकी अवैध संतानों की दुर्दशा का वर्णन नहीं किया जा सकता है.

क्या पारिवारिकता की मुख्य धुरी नारी को “एकता” छाप टीवी धारावाहिकों और फिल्मों ने पारिवारिक तथा सामाजिक विखण्डन की नायिका बनाने का षड्यंत्र बिना रोकटोक के नहीं किया जा रहा है? कहाँ है, शिवभक्त नरेन्द्र का सेन्सर बोर्ड?

कश्मीर, केरल, बंगाल, राजस्थान जैसे राज्यों में सनातनी नारियों का शोषण महापाप की पराकाष्ठा को पार कर चुका है. वोटों के लालच में राजनेताओं और उनके अनुयायी हिन्दुओं ने भी स्वार्थवश अपने मुंह को सिल लिया है और अन्तरात्मा को मार डाला है. एक नन के साथ बलात्कार करने वाले पादरी को अपराध सिद्ध होने के बाद भी बरी कर दिया जाता है, उल्टा शोषित नन को ही सामाजिक प्रताड़ना सहना पड़ी थी, उसे एक विधायक ने वेश्या तक कह डाला. रेप पर राजस्थान के एक मंत्री ने बहुत ही निर्लज्जता से कहा था कि रेप में हमारा प्रदेश एक नम्बर पर है क्योंकि यह मर्दों का प्रदेश है.

— डॉ. मनोहर लाल भंडारी