सामाजिक

हल्की लिपस्टिक और काजल बनाए हर नारी को खास

“लावण्यमयी ललना अपने अंग-अंग पर पड़ी सुस्ती को बुहार ले ओज है तेरी रवानी में खुद को तू सॅंवार ले, मत घूम ऐसे तितर-बितर सलिके से सज-धजकर खुद को तू निखार ले”

इसमें कोई शक नहीं कि मेकअप करके खुद को अप टू डेट रखना आपकी गरिमा पर, आपके व्यक्तित्व पर, और आपके आत्मविश्वास पर चार चाॅंद लगा देता है। कुछ लोग कहेंगे की सादगी और बिखरे बालों में भी सुंदरता झलकेगी। बेशक..! लेकिन एक बात पर गौर कीजिए, ज़्यादा कुछ नहीं करना पार्लर जाकर सिर्फ़ आइब्रो और हेयरकट करवाकर आईये फ़िर घर आकर आईने में देखिए खुद को खुद से प्यार हो जाएगा। या फिर कहीं जाना हो तो ज़्यादा सजने सॅंवरने की बजाय सिर्फ़ गहरे रंग की लिपस्टिक और काजल लगाकर बालों को खुला छोड़ दीजिए। दो लोग मूड़कर आपकी ओर आकर्षित होते देखेंगे जरूर।  गहने से लदी स्त्री से ज़्यादा हल्के मैक अप के साथ तैयार हुई स्त्री ज़्यादा खूबसूरत लगती है। हैं कि नहीं? 

हल्का मेकअप और महीने में एक मुलाकात पार्लर की सामान्य सामान्य दिखने वाली महिला को खूबसूरत और आत्मविश्वासी बना देगा। और अपने तन को साफ़ सुथरा और आकर्षक रखने में बुराई क्या है? साथ ही यह भी उतना ही सही है कि पार्लर न जाकर आप घरेलू नुस्खे आज़माकर भी अपने सौंदर्य में निखार ला सकती है। हमारे किचन में उपयोग में ली जाने वाली ज़्यादातर चीज़ें सौंदर्य प्रसाधनों का पर्याय होती है। जैसे दूध, दहीं, हल्दी, शहद, जायफल, केसर, तुलसी, आलू, टमाटर और नारियल तेल। कुछ-कुछ चीज़ों को मिलाकर उबटन बनाकर लगा लीजिए त्वचा में ताज़गी और निखार भर जाएगा।

स्त्री की सौंदर्य के प्रति जागरूकता सुखी दांपत्य जीवन का एक कारण भी बन सकता है। शाम को जब पति थका-हारा घर लौटता है तो सलिके से सजी पत्नी को देख पति की सारी थकान उतर जाती है। सोचो कमर में ठूंसा पल्लू, टाइट म टाइट बॅंधा बालों का जूड़ा, मरी-मसाले, फ़िनाइल और पसीने की मिक्स खुश्बू से तरबतर तितर-बितर हालात के साथ सामने खड़ी पत्नी को देख ज़ायका ही बिगड़ जाएगा कि नहीं? काम सिर्फ़ दो मिनट का होता है हाथ, मुॅंह धोकर बाल संवारकर सूनी भाल पर बिंदी लगा लो और कोरी ऑंखों में काजल फिर डिओ फूसफूस करना है। लो सज गई नारी। ताउम्र पति की प्रेमिका बनकर रहिए घरेलू टाइप की औरत से आदमी उब जाता है। साथ में आपके इस हुनर की तारीफ़ जब होगी कि देखो मिसेज फलाना को कितनी साफ़-सुथरी और सज सॅंवरकर रहती है..! तब आपके पति को बेशक आप पर गर्व होगा। Outlook आपको अंदर से आत्मविश्वासी बनाता है। चार लोगों के बीच आपके dressup की चाॅइस और दिखावा एक अलग ही छाप छोड़ जाता है। और ये बात शत प्रतिशत सत्य है कि आपका रहन-सहन, आपकी पसंद और बोल-चाल समाज में आपकी जगह तय करता है। सज-धजकर चेहरे पर आत्मविश्वास लिए जब एक स्त्री निकलती है तब ज़माना नोटिस किए बिना नहीं रहता।

अब सुंदरता के पैमाने काफ़ी बदल गए हैं। पहले जहाॅं सजने-संवरने और अपनी सुंदरता को निखारने के काम को केवल महिलाओं से जोड़कर देखा जाता था, वहीं अब कोई भी ब्यूटी उत्पाद केवल महिलाओं के लिए नहीं है। अब सुंदरता को निखारने का जितना हक महिलाओं का है, उतना ही पुरुषों का भी माना जाता है। क्योंकि आजकल सुंदरता की प्रतियोगिता केवल महिलाओं के लिए ही सीमित नहीं है बल्कि अब तो ये प्रतियोगिताएं पुरुषों के लिए भी बराबरी से आयोजित की जाती हैं। ‘मिस्टर इंडिया’ से लेकर ‘मिस्टर यूनिवर्स’ तक में अब पुरुष भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। तभी वर्तमान समय में पुरूषों के लिए बढ़ते हुए ब्यूटी पार्लर की संख्या, बढ़ते हुए जिम की संख्या बताती है कि वे भी खुद को आकर्षक दिखाने के प्रयास में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। क्योंकि आज लड़कियाॅं भी उन्हीं लड़को को पसंद करती हैं जो साफ-सुथरे रहते हो और खुदको मेंटेन रखते हो। लड़के भी अपने आप को सॅंवरना पसंद करते है दाढ़ी की स्टाइल, हेयरस्टाइल, हेयर कलर, कानों में बाली पहनना, पोनीटेल रखना कपड़ों में भी स्टाइल ढूॅंढ़ना वगैरह। और तो और अब तो लड़के मॉइश्चराइजर, नरीशिंग क्रीम, आफ़्टर शेव क्रीम, लोशन, लिप बॉम, सनस्क्रीन, हेयर क्रीम व हेयर जैल की जानकारी रखते हैं और इनका इस्तेमाल करते है। अपने शरीर से अनचाहे बाल हटाने के लिए वैक्सिंग करवा रहे हैं। इसमें हाथ, पैर, अंडरआर्म और चेस्ट वैक्सिंग भी शामिल होता हैं। कई तरह के क्लीनअप और फेशियल लड़के अपनी स्किन को ध्यान में रखते हुए करवा रहे हैं और हाथ, पैरों को साफ रखने के लिए मैनिक्योर और पैडीक्योर कुछ महीनों के अंतराल में करवा रहे हैं।

फिर हम महिलाओं का खूबसूरत दिखना तो बनता है रे। तो देर किस बात की? मोबाइल जैसे मशीन को भी हम अपडेट करते हैं। फिर ये तो अपने व्यक्तित्व विकास की बात है। बदल ड़ालिए छवि अपनी एक चक्कर पार्लर का लगाकर अपने नये अवतार से मिल लीजिए मौज न आ जाए तो कहना। सजना, सॅंवरना और सुंदर दिखना हर नारी का अधिकार है।

— भावना ठाकर ‘भावु’

*भावना ठाकर

बेंगलोर