पुस्तक समीक्षा

अंधविश्वासों रूढ़ियों एवं कुरीतियों पर केंद्रित साझा लघुकथा संग्रह

अनेक महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच उपस्थित हुए हैं, अंधविश्वासों, रूढ़ियों एवं कुरीतियों पर केंद्रित यह साझा लघुकथा संग्रह अपने आप में बेहद अनूठा है। जिसमें उनकी संपादन कला निखर कर आई है। बलराम अग्रवाल, योगराज प्रभाकर जैसे प्रमुख लघुकथाकारों ने  एक स्वर में कहा है कि लघुकथा का मुख्य उद्देश्य समाज की विसंगतियों को सामने लाना है।’ इस उदेश्य में सुरेश  सौरभ  का नवीनतम  लघुकथा-संग्रह  ‘मन का फेर’ खरा उतरा है। यह एक विडम्बना ही है कि विकसित देशों के समूह  में शामिल होने में अग्रसर  भारत का एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी धर्म और परम्परा के नाम  पर ढोंगी महात्माओं और कथित मौलवियों के जाल में फँसा हुआ है। अभी भी स्त्री को डायन करार कर प्रताड़ित  किया जाता है, पिछड़े इलाकों में बीमार  व्यक्ति को, चाहे वह दो महीने का बच्चा ही क्यों न हो, नीम हकीम के द्वारा लोहे के छल्लों से दागा जाता है। ऐसे समाज  को जागरुक करने का बीड़ा  उठाने में यह लघुकथा-संग्रह  सक्षम  है ।

      सुकेश सहानी, मीरा जैन, डॉ.पूरन सिंह, कल्पना भट्ट, डॉ. अंजू दुआ जैमिनी, गुलजार हुसैन, चित्तरंजन गोप ‘लुकाठी’, डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी, रमाकान्त चौधरी, अखिलेश कुमार ‘अरूण’, डॉ. राजेंद साहिल, डॉ. मिथिलेश दीक्षित, रश्मि लहर, विनोद शर्मा, सहित 60 लघुकथाकारों से सुसज्जित, 144 पृष्ठीय संग्रह में, आडम्बरों को, रूढ़ियों को बेधती मार्मिक लघुकथाएँ सहज, सरल, भाषा शैली में, पाठकों को आकर्षित करने में सफल है। हाल ही में इस संग्रह का विमोचन स्वच्छकार समाज और समाज सेवियों ने किया। सौरभ जी का प्रसास है कि समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक साहित्य पहुँचे। संग्रह की भूमिका प्रसिद्ध पत्रकार लेखक अजय बोकिल ने लिखी है। संग्रह की लघुकथाएँ शोधपरक एवं पठनीय हैं। सुरेश  सौरभ  को  इस लघुकथा-संग्रह के लिए  बधाई।

— मनोरमा पंत

पुस्तक-मन का फेर

प्रकाशन-श्वेत वर्णा प्रकाशन नोयडा

संपादक-सुरेश सौरभ 

मूल्य- 260 

सुरेश सौरभ

शिक्षा : बीए (संस्कृत) बी. कॉम., एम. ए. (हिन्दी) यूजीसी-नेट (हिन्दी) जन्म तिथि : 03 जून, 1979 प्रकाशन : दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, हरिभूमि, अमर उजाला, हिन्दुस्तान, प्रभात ख़बर, सोच विचार, विभोम स्वर, कथाबिंब, वगार्थ, पाखी, पंजाब केसरी, ट्रिब्यून सहित देश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं एवं वेब पत्रिकाओं में सैकड़ों लघुकथाएँ, बाल कथाएँ, व्यंग्य-लेख, कविताएँ तथा समीक्षाएँ आदि प्रकाशित। प्रकाशित पुस्तकें : एक कवयित्री की प्रेमकथा (उपन्यास), नोटबंदी, तीस-पैंतीस, वर्चुअल रैली, बेरंग (लघुकथा-संग्रह), अमिताभ हमारे बाप (हास्य-व्यंग्य), नंदू सुधर गया, पक्की दोस्ती (बाल कहानी संग्रह), निर्भया (कविता-संग्रह) संपादन : 100 कवि, 51 कवि, काव्य मंजरी, खीरी जनपद के कवि, तालाबंदी, इस दुनिया में तीसरी दुनिया, गुलाबी गालियाँ विशेष : भारतीय साहित्य विश्वकोश में इकतालीस लघुकथाएँ शामिल। यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया में लघुकथाओं एवं हास्य-व्यंग्य लेखों की व्यापक चर्चा। कुछ लघुकथाओं पर लघु फिल्मों का निर्माण। चौदह साल की उम्र से लेखन में सक्रिय। मंचों से रचनापाठ एवं आकाशवाणी लखनऊ से रचनापाठ। कुछ लघुकथाओं का उड़िया, अंग्रेज़ी तथा पंजाबी आदि भाषाओं में अनुवाद। सम्मान : अन्तरराष्ट्रीय संस्था भाखा, भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर प्रताप नारायण मिश्र युवा सम्मान, हिन्दी साहित्य परिषद, सीतापुर द्वारा लक्ष्य लेखिनी सम्मान, लखीमपुर की सौजन्या, महादलित परिसंघ, परिवर्तन फाउंडेशन सहित कई प्रसिद्ध संस्थाओं द्वारा सम्मानित। सम्प्रति : प्राइवेट महाविद्यालय में अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन। सम्पर्क : निर्मल नगर, लखीमपुर-खीरी (उत्तर प्रदेश) पिन कोड- 262701 मोबाइल- 7860600355 ईमेल- sureshsaurabhlmp@gmail.com