सच बताओ
सच बताओ
मेरे याद करने से
तुमको हिचकिया
आती तो होगी
अकेले में जब
मेरी याद आये
तब थोड़ा सा
मुस्कुराती तो होगी
क्या मेरा दिल ही
करता है बात करने को
तुम्हे भी कुछ गुफ्तगू
आती तो होगी
दूर हो कर तो
मै रोता हूँ
सच बताओ
तुम थोड़ा उदास
होती तो होगी
जब मै तुम्हारे
पास आता हूँ
तो तुम थोड़ा
शर्माती तो होगी
सच बताओ
मेरी धड़कने
अब तुम को
सुनाई देती
तो होगी