क्षणिका

तलाश जारी रहेगी

चश्मे के भीतर बंद आंखें हैं
चश्मे के भीतर, बंद आंखों को
तलाश है चमन में बहारों की
चमन को तलाश है बहारों के ताने-बाने की
बहारों के ताने-बाने को तलाश है
ताने-बाने के श्रेष्ठ जानकार की
जब तक सबको नहीं मिल जाता है लक्ष्य अपना
तलाश जारी रहेगी
जी हां,
तलाश जारी रहेगी.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244