बाल कविता – गुनगुन करता भौंरा आया
गुनगुन करता भौंरा आया
फुल कलियों को है रिझाया।
चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं
सुबह का संदेशा ले के आईं।
रंग-बिरंगी तितली रानी आई
झूम-झूम कर वह नाच दिखाई।
फुल-बगीचों में है मुस्काया
सबके मन में वह प्रीत जगाया।
प्यारी कलियाँ भी मुस्कायी
सुंदर रूप अपना है दिखलायी।
सर-सर करती हवा भी आई
शीतलता का अहसास कराई।
आसमान पर लालीमा छाई
रवि ने किरण धरा में फैलाई।
— अशोक पटेल “आशु”