गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

दिल जमा रहे; महफ़िल जमी रहे

संघर्ष घनघोर हो मंजिल जमी रहे

दौलत-शोहरत उसके हिस्से में है बहुत 

ख़ुदा करे न नजर ए क़ातिल जमी रहे 

लड़ने के लिए मैं भी बेताब हूॅं कहो

है अगर दम तो मुश्किल जमी रहे

लोग चढ़ें बेशक हेलिकॉप्टर मगर

पसंदीदा में अपने साइकिल जमी रहे

हर आस्तिक के दिल में आस्था के वास्ते 

गीता,कुरान और बाइबिल जमी रहे

नि:स्वार्थपूर्ण सदा परहित में अपनी

बुद्धि जमी रहे; अक्किल जमी रहे 

साहित्य में तुम्हारा सदियों तलक नरेन्द्र 

खूंटा जमा रहे यूं ही कील जमी रहे 

— नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’

नरेन्द्र सोनकर

उपनाम--कुमार सोनकरन पिता का नाम--राजेन्द्र प्रसाद माता का नाम--मालती देवी अभिभावक का नाम--नरेश कुमार सोनकर स्थाई पता-- ग्राम नरैना, पोस्ट रोकड़ी, तहसील करछना, जिला प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। पिन कोड--212307 जन्मतिथि--27-03-2001 शिक्षा-- माॅं कमला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रोकड़ी से 1 से 8वीं तक पं.लक्ष्मी नारायण इंटर कॉलेज निदौरी से मैट्रिक मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज करछना से इंटरमीडिएट इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज से स्नातक व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से बीएड प्रशिक्षणरत। आप टिप्पणी--आंबेडकरवादी विचारधारा से प्रभावित। दलित,स्त्री व प्रकृति विषयक मुद्दों पर बेबाक लेखन-प्रयत्न। रुचि--कविता पढ़ना-लिखना और पढ़ाना,खोज, तर्क-वितर्क विधा--कविता,कहानी,दोहा,हाइकु ग़ज़ल,माहिया,शायरी,नाटक,उपन्यास,आत्मकथा इत्यादि। सम्मान-- काव्य कुमुद,कल्प कथा व राष्ट्रीय अभिनव साहित्य मंच प्रयागराज द्वारा दशाधिक बार प्रशस्ति पत्र व सम्मान प्राप्त। रचना-प्रकाशन--अमर उजाला काव्य पटल पर 350 से अधिक,जयदीप पत्रिका में 20 से अधिक, मानस पत्रिका व आइडिया सिटी न्यूज़ बनारस से दशाधिक और हिन्दी बोल INDIA पर रचनाएं प्रकाशित। चलभाष--8303216841 Email:- [email protected]