लघुकथा

वक्त की करवट

जोसेफ और लिंडा रातो को चाँद -तारों को निहारते ,और भविष्य के सपने संजोते इस तरह उनकी कल्पनायें शादी के लक्ष्य को छूना चाहती थी ,मगर लिंडा के मन में एक वहां घर करता जा रहा था की यदि ज्यादा देर होगी तो शादी घर वाले किसी दूसरी जगह कर देंगे । लिंडा उम्र के लिहाज से काफी उम्रदार  होती जा रही थी । 

जोसफ के मित्र हरदम जोसफ से सवालो की बोझार करते-“डिअर जोसफ चर्च में बहुत दिनों से कोई कार्यक्रम नहीं हुआ ।आप लोग कब शादी कर रहे हो ? जिंदगी में ये पल हसीन  होता है  ,हम सभी ने अपने नए कपडे सिलवा  लिए है। जब भी शादी होगी तो नए कपड़ों खरीदने के लिए  भागादौड़ी कम  होगी “

जोसफ हँसकर कहता -दोस्तों ,आप सभी ने ये कहावत तो सुन रखी होगी -शादी लड्डू की तरह होती जो खाए वो पछताए और जो नही खाए वो भी पछताए। शादी कब होगी ये में भी जानता। जब मेरे पास शादी के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी तो मै खुद ही निर्णय ले लूंगा। कर्ज करके शादी करना मुझे पसंद नहीं ,दोस्तों । 

दोस्तों ने कहा -डियर जोसफ इस तरह से तो तुम्हारी शादी कहाँ से हो पायेगी क्योकि शादी में खर्व तो होगा ही। जोसफ ने कहा- मेरे पास विरासत में मिला छोटा सा फार्म हाउस है उसे बेच दूंगा। दोस्त बोले -घर बार बेचकर ये तो तीर्थ करने के सामान बात होगी। हम आप की मदद करेंगे।  फार्म हाउस में कुछ मशीने लोन पर लेकर नया बिजनेस डाल देना जब फायदा हो तब हमारे पैसों को लौटा देना ।

 जोसफ ने लिंडा को ये सारी कहानी बताई। लिंडा  का चेहरा गुलाब की तरह खिल उठा । लिंडा जब सुबह उठी तो उसे चक्कर से आने लगे । उसने जोसफ को फोन पर चक्कर आने की बात बताई ।जोसफ़ उसे हॉस्पिटल लेकर गया । चेकअप करने पर पता चला को लिंडा को ब्रेन ट्यूमर है । जोसफ की सारी खुशिया मानो जमीं में समा गई हो। प्राथमिकता लिंडा के इलाज की थी । 

अब जोसफ ने फार्म हाउस के बाहर  बिक्री का बोर्ड लगा दिया की -फार्म हाउस बिकाऊ है । वक्त कैसे करवट बदलता है ये बात जोसफ मन ही मन समझ रहा था ।  

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच