बदलते भारत की तस्वीर
विकास की राह पर चलते हुएआज भारत की तस्वीर बदल गई है,बीती बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई हैं।समय के साथ भारत भी बदल गया हैटोने टोटकों का भारत सूर्य चंद्र पर ही नहींशिक्षा, कला, साहित्य, संस्कृति विज्ञान चिकित्सा कीनित नव गौरव गाथा लिख रहा है,नई कार्य संस्कृति और नव परिवेश हिलोरें मार रहा हैकृषि, परिवहन में भी आमूल चूल परिवर्तन आ गया हैगांव भी अब शहरों जैसी सुविधाएं पा रहे हैंहरियाली का नाश हो रहा हैप्राकृतिक जल स्रोतों, कूपों, तालाबों, सरोवरों काअस्तित्व मिटता जा रहा है,मानवीय संवेदनाओं का अकाल पड़ता जा रहा हैरिश्तों की मर्यादाओं का खून होता जा रहा हैअनाथ आश्रम और वृद्धाश्रमों का विस्तार हो रहा हैसंचार क्रांति का भी विस्तार हो रहा हैजनसंख्या विस्फोट होने की कगार पर है,मौसम का तारतम्य बिगड़ गया है।प्रकृति का दोहन तेजी से बढ़ रहा है,धरती का ताप लगातार बढ़ रहा है।नई नई बीमारियों, समस्याओं का अंबार लग रहा हैसच में अपना भारत बदलते भारत की तस्वीर बन रहा हैभूख, भ्रष्टाचार, बेईमानी, अपराध, बेरोजगारी मेंबड़ा नाम हो रहा है,धर्म जाति, मंदिर मस्जिद के नाम पर विवाद बढ़ रहा हैभाईचारा अब लुप्त होने की कगार पर हैस्वार्थी राजनीति का दौर तेज हो रहा हैसमाज सेवा के नाम पर अपना घर भरा जा रहा है।भाई ही भाई का खून कर रहा हैसत्ता की खातिर देश को भी दांव पर लगाने कामौका तलाशा जा रहा है,किसी की भी लाश पर बेशर्मी से पैर रखकरआगे बढ़ने में भी संकोच नहीं हो रहा हैसच ही तो भारत बदल रहा है,बदलते भारत की नई तस्वीर बनता दिख रहा हैजय हिन्द वंदेमातरम् भी आजअपनी अपनी सुविधा से बोला जा रहा है।