कविता

कविता – उम्मीद बनाएं रखें

सफलता दिलाने वाले,
उम्मीद बनाएं रखने पर,
विश्वास रखते हैं।
सम्पूर्ण व्यवहार से लबालब भरी हुई,
खुशियां से भरपूर दिखते हैं।

हमें आगे बढ़ने में,
उम्मीद की बारिकियों से,
रूबरू होते हुए,
आगे बढ़ना होगा।
उत्सुकता जगाने वाले लोगों को,
हमेशा साथ रखना होगा।

सफलता मिलती है बस,
मजबूत ताकत बनकर आगे बढ़ने की कोशिश करना होगा।
ज्ञान विज्ञान में,
हमेशा ध्यान रखना होगा।

यह शतरंज की चाल नहीं है,
समर्पण मेहनत जोश और उत्साह का आभार है।
सम्पूर्ण सन्देश है,
खुशियां मिलता अपार है।

बंधुत्व से भरपूर होने पर,
उम्मीद की किरण बनी हुई रहती है।
तकलीफें कम होती है,
हमेशा तंदरुस्त रहती है।

यही सफलता का संकल्प है,
सबसे बेहतर प्रकल्प है।
नवचेतना से निकली हुई आवाज है,
सम्पूर्ण व्यवहार का अन्दाज़ है।

समय-समय पर अपने विचार व्यक्त करने में,
सम्भल कर रहनी चाहिये।
मजबूत ताकत बनकर,
हमेशा आगे बढ़ते हुए,
खुशियां बांटनी चाहिए।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]

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