इतिहास

गांधी जी की शख्सियत पर बात करना एक समृद्ध विषय है!

उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था और उन्हें बापू के नाम से भी जाना जाता है। गांधी जी ने स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके सराहनीय कार्य को पूरे देश ने समर्थन किया था। और आज भी हम उनके सिद्धांतों को सर्वोपरि मानकर उनका अनुसरण करते हैं। बापूपर ऐसा कुछ नहीं जो हम नहीं जानते।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी।रवीन्द्रनाथ टेगौर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी। उनकी सादगी और साधारण वेशभूषा ने उन्हें आम जनता के बीच बहुत लोकप्रिय बनाया। उन्होंने अहिंसा को अपने जीवन का मंत्र बनाया और इसके माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में किया था और बाद में भारत में इसका उपयोग स्वतंत्रता संग्राम में किया।
गांधी जी के जीवन और दर्शन से हमें आज भी प्रेरणा मिलती है। उनके जन्मदिन पर हमें उनके सिद्धांतों को याद रखना चाहिए और उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए।
गांधी जी की आत्मा की खुशी या नाराजगी के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है, लेकिन हम उनके सिद्धांतों और आदर्शों को देखकर अनुमान लगा सकते हैं। गांधी जी ने हमेशा अहिंसा, सत्य, और समानता की बात कही थी। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हमें स्वतंत्रता दिलाने में मदद की।
आज के भारत में कई समस्याएं हैं, जैसे कि गरीबी, भ्रष्टाचार, और सामाजिक असमानता। लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि हमने कितनी प्रगति की है। हमारा देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीक में बहुत तरक्की की है। गांधी जी की आत्मा खुश होगी अगर हम उनके सिद्धांतों को अपनाते और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करते हैं ।हमें उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और एक बेहतर भविष्य के लिए काम करना चाहिए।
गांधी जी ने कहा,हमें हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए और शांतिपूर्ण तरीके से समस्याओं का समाधान करना चाहिए।हमें सच्चाई का पालन करना चाहिए और झूठ से दूर रहना चाहिए। हमें सभी को समान अधिकार और अवसर देना चाहिए और किसी भी प्रकार की भेदभाव का विरोध करना चाहिए। गांधी जी का जीवन और दर्शन हमें आज भी प्रेरित करता है। गांधी जी ने हमें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी,उन्होंने समाज में व्याप्त असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी।गांधी जी ने अहिंसा को अपने जीवन का मंत्र बनाया।
उन्होंने हमें सच्चाई का पालन करने की शिक्षा दी। गांधी जी ने सभी धर्मों का सम्मान करने की बात कही। हमे उनके विचारों और सिद्धांतों को आत्मसात् करना चाहिए,उनके जन्म दिवस पर ये ही सबसे बड़ी प्रेरणा होगी।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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