शिशुगीत

चन्द शिशु गीत

1

‘क’ से कब तक पढूँ कबूतर

आँगन आये कभी उतर कर

समझ न पाऊँ क्यूँ उड़ जाए

जब भी चाहा देखूँ छूकर ।

2

हैं कितने अचरज की बातें

कौन बनाता दिन और रातें

फूल खिलाता इतने सारे

देता तारों की सौगातें ।

3

बड़ी सुहानी धूप खिली है

किरन परी भी आ धमकी है

कॉलगेट कर सूरज आया

दाँतों की पंक्ति चमकी है ।

4

मेरी पेंसिल प्यारी-प्यारी

बातें करती कितनी न्यारी

कहे ठीक से पकड़ो भैया

और बनाओ तितली ,गैया ।

5

देखो पुस्तक कितनी अच्छी

मुझे बताए बातें सच्ची

दुनिया भर की सैर कराए

फूल-फलों से जी ललचाए ।

 

— डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

परिचय : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0) शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि ( लब्ध स्वर्ण-पदक )एवं पी-एच 0 डी0 शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन । प्रकाशन : 'ओस नहाई भोर'(एकल हाइकु-संग्रह), 'महकी कस्तूरी'(एकल दोहा-संग्रह), 'तुमसे उजियारा है' (एकल माहिया-संग्रह) । अन्य प्रकाशन - ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह), हिन्दीहाइकुप्रकृति-काव्यकोश,, डॉसुधागुप्ताकेहाइकु मेंप्रकृति( अनुशीलनग्रन्थ),हाइकु –काव्यशिल्पएवंअनुभूति,समकालीनदोहाकोशमेंरचनाएँप्रकाशित।विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल, अनुभूति, अविराम साहित्यिकी, रचनाकार, समृद्ध सुखी परिवार,सादर इंडिया, उदंती, लेखनी, शोध दिशा, राजभाषा आश्रम सौरभ , यादें, अभिनव इमरोज़, सहज साहित्य, त्रिवेणी, हिंदी हाइकु, लघुकथा . कॉम, साहित्य कुञ्ज, विधान केसरी, प्रभात केसरी, नूतन भाषा-सेतु,नेवा: हाइकु, सरस्वतीसुमन आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका,चोका,गीत,माहिया,दोहा, कुंडलियाँ, घनाक्षरी, ग़ज़ल, बाल कविताएँ, समीक्षा, लेख, क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन । ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in सम्प्रति : स्वतन्त्रलेखन सम्पर्क :एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला- वलसाड, गुजरात (भारत ) पिन- 396191 e-mail [email protected] [email protected]

6 thoughts on “चन्द शिशु गीत

  • लीला तिवानी

    अति सुंदर व सरल गीतों के लिए आभार.

  • ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

    सभी सुंदर व सरल गीत. बहुत खूब. बधाई आप को

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत खूब .

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      बहुत शुक्रिया !

  • विजय कुमार सिंघल

    सुन्दर सरल शिशु गीत !

    • डॉ ज्योत्स्ना शर्मा

      हृदय से आभार !

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