ग्रीष्म ऋतू
ग्रीष्म ऋतू, अब आई है,भीषण गर्मी, ये लायी है।सूर्य हुआ है, लाल-लाललोग हो रहे, हाल-बेहाल।जल रहा जमीं आसमान।हो रहे हैं,
Read Moreग्रीष्म ऋतू, अब आई है,भीषण गर्मी, ये लायी है।सूर्य हुआ है, लाल-लाललोग हो रहे, हाल-बेहाल।जल रहा जमीं आसमान।हो रहे हैं,
Read Moreबूँद-बूँद पानी को सहेजेंयह पानी बहुत कीमती है।जल है, तो कल है,यही सत्य और अटल है।इस बात को करें गौरनही
Read Moreहम जलाएँ किसकी होली?लकड़ियों की ? कंडों की?या फिर हरे-भरे पेड़ों की याउन हरे भरे-पेड़ों मे लहरातेझूमते छोटे-छोटे टहनीयों की?यह
Read Moreनारी तुम प्रेरणा होमेरा विस्वास हो,तुम ही मेरे जीवन का आस हो।तुम निधि हो,निर्धारण होतुम मेरे भूतकाल हो।और तुम्ही वर्तमान
Read Moreएक कदम बढ़ा जज्बा दिखातेरी मंजिल तो राह निहारें हैएक छ्लांग लगा के तो देखवो मुकाम तो पास तुम्हारे हैं।
Read Moreताज़ उसी के सर होता है जिनके सपने महान होते हैंकामयाबी उसे मिलती है जो हौसलों के खान होते है।
Read Moreवसुंधरा अब,सजने-संवरने लगी हैचमन में ये कलियां,चटकने लगी हैबागों से यह गलियां महकने लगी हैभीनी-भीनी बयार भी बहने लगी है।
Read Moreवैदिक साहित्य से लेकर उपनिषद वेद पुराण, महाभारत,रामायण सहित कालिदास साहित्य और हिंदी साहित्य के इतिहास पर जब हम दृष्टि
Read Moreजय घोष करो, जय घोष करोश्री राम जी का जय घोष करोफहराओ अब तो भगवा झंडागाँव-शहर में ये शंखनाद करो।
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