बाल-कहानी – पुरस्कार
रोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना
Read Moreरोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना
Read Moreमंदिरों में वही सदा पूजा जाता है जो छेनी-हथोड़े की चोट खाता है। जब अनघड़ पत्थर तराशा जाता है मंदिरों
Read Moreआज इंसानियत हो रही तार-तार क्यों फल-फुल रहे हैं इतने दुराचार इंसान खो रहा क्यों असल पहचान मानवता दुखी है
Read Moreहे माँ भगवती तुम आ जाओ करता हूँ मन से तुझे आह्वान आके तुम मंचासीन हो जाओ आशीष दे दो
Read Moreअभी तो कदम बढ़ाया है तेरा दूर मंजिल बाकी है मंजिल दूर तो दिखती है परन्तु मुमकिन बाकी है। कभी
Read Moreस्त्री के जीवन की संघर्ष गाथा जो पुरुष प्रधान समाज मे एक सतायी गई महिला के लिए समाज के लिए
Read Moreकार्तिक पूर्णिमा का दिन पूरे वर्ष मे विशेष दिवस के रूप में माना जाता है।क्योंकि इस दिवस को बहुत ही
Read Moreभारत माँ के लाडले,और जनजन के दुलारे किसानों के प्रिय रहे ,सरदार पटेल थे प्यारे। खेड़ा आंदोलन में जिसने महा
Read Moreआया छट का पर्व यह सुहाना करे हम सूर्य देव की उपासना। सूर्य का ओज और कांति मिले तनमन स्वस्थ
Read More