32 मात्रिक छंद “जाग उठो हे वीर जवानों”
समान सवैया / सवाई छंद / 32 मात्रिक छंद जाग उठो हे वीर जवानों, तुमने अब तक बहुत सहा है।
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Read Moreये बालक कैसा? (हाइकु विधा) अस्थिपिंजर कफ़न में लिपटा एक ठूँठ सा। पूर्ण उपेक्ष्य मानवी जीवन का कटु घूँट सा।
Read Moreलावणी छंद आधारित गीत आओ सब मिल कर संकल्प करें। चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें। आओ
Read Moreकाफ़िया=आ रदीफ़= *मेरी अगर जो हो, तो हो इस देश की खातिर* खता मेरी अगर जो हो, तो हो इस
Read Moreरास छंद “कृष्णावतार” हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रही थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को,
Read Moreसावन विरह-गीत सावन मनभावन तन हरषावन आया। घायल कर पागल करता बादल छाया।। क्यों मोर पपीहा मन में आग लगाये।
Read Moreमनहरण घनाक्षरी “होली के रंग” होली की मची है धूम, रहे होलियार झूम, मस्त है मलंग जैसे, डफली बजात है।
Read More“भारत यश गाथा” ज्ञान राशि के महा सिन्धु को, तमपूर्ण जगत के इंदु को, पुरा सभ्यता के केंद्र बिंदु को,
Read Moreग़ज़ल (जनवरी के मास की) 2122 2122 2122 212 जनवरी के मास की छब्बीस तारिख आज है, आज दिन भारत
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