कुर्सी के लायक हम हैं भी या नहीं ?
हम जो हैं वही दीखें यह मौलिकता है जबकि हम जो हैं वैसे न दिखें और इसकी बजाय हमारे दूसरे
Read Moreहम जो हैं वही दीखें यह मौलिकता है जबकि हम जो हैं वैसे न दिखें और इसकी बजाय हमारे दूसरे
Read Moreजब-जब भी मलाई, मक्खन और मुद्राओं भरे छींके नज़र आ जाते हैं कहीं भी, तब-तब इनकी गंध पाकर घोर शत्रु
Read Moreबहुधा लोकप्रियता के भरम में भीड़ से घिरे रहने के आदी लोग धीरे-धीरे ऐसे-ऐसे लोगों से घिर कर रह जाते
Read Moreतुम्हारे ही कारण है वजूद मेरा … तुम हो तभी मैं बना हुआ, टिका हुआ हूँ तुम जब तक गुड मॉर्निंग
Read Moreराजस्थान के सुदूर दक्षिणाँचल बांसवाड़ा जिले में शैव और वैष्णव उपासना के साथ ही दैवी उपासना आदि काल से अपने
Read Moreपूरी दुनिया के लिए आज का दिन गौरव और गर्व करने के लिए हैं क्यांकि सदियों तक विश्वगुरु रहते हुए
Read Moreविचारों की तरंगे कभी रुकती नहीं हैं। ये ब्रह्माण्ड के विभिन्न लोकों में दैवीय और दिव्य ध्वनियों के साथ अनवरत
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