चंदा मामा
चंदा मामा एक संदेशा, सारे जग को देते हैं प्रेम से रहने वाले जग से, प्रेम का तोहफा लेते हैं,
Read Moreटाइम नहीं है (कविता) आज जब बैठा मैं लिखने अपने विचार, लिखना तो बहुत था पर लाइनें लिखीं दो-चार, ऐसा क्यों
Read Moreवृक्षों की भाषा को समझें क्या कहते इनकी हरियाली देकर अन्न-फल-दलहन-तिलहन, पेड़ बढ़ाते है खुशहाली हम जब हरे-भरे होते हैं
Read Moreपेड़ काटना बुरी बात है, मत रो बहिना, चुप हो जाओ, हम फिर इसको हरा करेंगे, झटपट जाओ, झारी लाओ.
Read Moreश्री गणेश (लघुकथा) ”बिटिया, सारे घर में ए. सी.लगे हुए हैं, उनको छोड़कर तुम यहां बाहर गर्मी में क्यों बैठी
Read Moreहे गणेश सज्जन का संग दो, सद्बुद्धि का दो वरदान, सत्पथ दिखला कर प्रभु हर लो, मेरे तन मन का
Read Moreमां के दुलार और पिता के प्यार के बारे में बहुत कुछ लिखा-कहा-सुना जा चुका है, लेकिन किस्सा बयां करना
Read Moreकंप्यूटर के चालक-पालक, हम को समझो अपना बालक, ऋद्धि-सिद्धि-नव निधि-नायक, तुम हो सृष्टि के संचालक. हे गणपति हमें शक्ति दो,
Read Moreगणपति जी का रूप निराला, सूंड-सी नाक है गज मुख वाला, चारभुजाधारी गणदेवा, मूषक वाहन पेट विशाला. सूप सरीखे कान
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