पढ़ाई पहले फिर मजदूरी
साक्षरता है सुख का सागर, साक्षरता है स्नेह-समीर , साक्षरता है ज्ञान-उजाला, साक्षरता है आनंद-नीर. साक्षरता आंखों का नूर, साक्षरता
Read Moreसाक्षरता है सुख का सागर, साक्षरता है स्नेह-समीर , साक्षरता है ज्ञान-उजाला, साक्षरता है आनंद-नीर. साक्षरता आंखों का नूर, साक्षरता
Read Moreआओ पढ़ें हम, आओ पढ़ें हम, पढ़-लिखकर आगे बढ़ें हम, कोई न हमको अनपढ़ कहे अब, लगाया पढ़ाई से दिल
Read Moreहोली (कविता) जब आपस में बंद होती है बोली, चलती बिन बन्दूक के गोली, भागी-भागी आती है होली, रंग-गुलाल लाती
Read More1.” वक्त ” कहता है मैं फिर न आऊंगा, मुझे खुद नहीं पता तुझे हंसाऊंगा या रुलाऊंगा, जीना है तो
Read Moreजीवन की बहती धारा में, आगे बढ़ते जाना है, नदियां-सागर आंधी-पानी, में भी चलते जाना है . हिम्मत अगर नहीं
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