कुछ तो नूतन करो यार !
कुछ तो नूतन करो यार ! गोमती की जल धार पुकार रही , हर पल इसको साफ रखो , नालों
Read Moreकुछ तो नूतन करो यार ! गोमती की जल धार पुकार रही , हर पल इसको साफ रखो , नालों
Read Moreजय गोमती का किनारा, हो सुखकारी जयकारा | सुबह की छनती लाली, शाम -ए-अवध खुशहाली | खतरों से खेल रही
Read Moreकपड़ों की उथल-पुथल में खोजना है कुछ नया पुराना जीवन की गरिमा अनबूझ है बनाना है कुछ नयी सोच से
Read Moreमै इन्कलाब की आँधी हूं मै विचलित होती नहीं हूं चाय वार्ता से चलते हुए भारत से ही अमेरिका को
Read Moreनींद का उन्माद रात के उस पार है जागने वाले कहते है उठ जाग अब सुबह का इन्तजार कौन करेगा
Read Moreआईने को मुझसे नफ़रत है यारो जबभी मै सामने होता हूँ मुह फेर लेता है इस रुसवाई का मै क्या
Read Moreजीवन समर सेतु में मुझको, जाने कितने लोग मिलेंगेे। कुछ की राहें साथ तो होगी, कुछ छोड़कर निकल चलेंगे।। —-
Read Moreसच का सामना आसां तो नही मौत का दामन सुर्ख सा इंसान बेपरवाह फिर भी अश्क के समन्दर में भी
Read Moreजीवन के ज़ानिब से सच का सामना आसां तो नहीं मौत का दामन सुर्ख सा इन्सान बेपरवाह फिर भी अश्क
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