क्या करोगे रावण जलाकर
लोभ,मोह,काम,क्रोध का किया नहीं विरोध, बुराई के विरोध में क्यों रावण जला रहे हो? द्वेष और पाखण्ड में लिप्त हुआ
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Read Moreतीव्र गति से घट रहे संसाधन सर्वत्र, जनसंख्या वृद्धि करे यत्र तत्र सर्वत्र। यत्र तत्र सर्वत्र शहर हैं भरे ठसाठस,
Read Moreअनेक रूप में इस बसुधा पर, लेकर आई जिम्मेदारी। पुरुष प्रधान जगत है सारा, लेकिन नर से श्रेष्ठ है नारी।
Read Moreप्रेम दिवस को मनाने वालो, एक नजर मां-बाप पे डालो। वेलेंटाइन डे विस्मृत करके, अब बलिदानी दिवस मना लो। हिन्दुस्तानी
Read Moreहम चैन से सोते हैं,वो काम पे होते हैं। निज दर्द छिपाकर के,तन्हाई में रोते हैं। वो जिम्मेदारी के ,हर
Read Moreहे! कर्मवीर हे! बलिदानी, हमसे क्यों मुंह मोड़ लिया। कोई खता हुई क्या पृथ्वी से, जो स्वर्ग से नाता जोड़
Read Moreलक्ष्मी जी के दर्शन पाकर,अन्तर्आत्मा हर्षायी एक नन्ही सी परी स्वर्ग से, सीधी मेरे घर आई। छोटे-छोटे हाथ देखकर, खुशी
Read Moreगुरु चरणों में किया समर्पण, त्रेता में श्रीराम ने गुरु चरणों की रज माथे पर,रखी थी श्रीघनश्याम ने देव और
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