खिलौना
अनमोल है ये जीवन, इसे खोना नहीं सोचो अपनों के बारे, पड़े उन्हें रोना नहीं गिनना अपनी खुशियां, अपने सुख
Read Moreएक कालखंड हमें अनुशिक्षित कर रहा जो था पुरातन उसे अनुशंसित कर रहा त्यागना होगा जो है पश्चिम से मिला
Read Moreहार यूँ तो मैं मानती नहीं मायूस होना जानती नहीं फिर भी लाज़िम है कभी ग़मग़ीन मैं हो भी जाऊँ
Read Moreलम्हों की चादर तले दबे कई साल मिले ख़ुशनुमा चेहरे सारे वही ग़म-ए-हाल मिले सोचती मैं थी हमेशा सब मेरे
Read Moreतुम सागर हो गहरे प्रेम का मेरे प्रियतम तुम प्रेम अथाह तुम में डूब कर मैं तर जाऊं है बस
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