हाय री मोह्हबत
तुम को चाहता हूँ अपनों की तरह तुम मुझे देखती हो गैरों की तरह मेरी मोह्हबत में वो कशिश नहीं
Read Moreतुम को चाहता हूँ अपनों की तरह तुम मुझे देखती हो गैरों की तरह मेरी मोह्हबत में वो कशिश नहीं
Read Moreदोस्त हो या प्यार हो या कोई अहसास हो तुम शब्दों के जाल में उलझे हो तुम पर मेरे लिए तो
Read Moreमेरी जज्बातो को तुम कब समझ पाओ गे या समझ कर भी ना समझ रह जाओ गे क्या चाहते हो
Read Moreतुम्हारी आँखे मुझ से कुछ बोलती है जाने अनजाने राज खोलती है नज़रे टकराकर जब झुक जाती है बिना कुछ
Read Moreपुरे आठ पहर नज़रे तुम को ढूंढ़ा करती हैं किसी के आहट पे तुम को ढूंढ़ा करती हैं एहसास तो
Read Moreतेरी पायल की रुनझुन से घर मेरा डोले तेरी एक किलकारी पे पापा है बोले जब से तुम आई जिंदगी में
Read Moreतुम्हारी दोस्ती एक अहसास है जो मेरे जिन्दा रहने की आस है तुम से दूर रह कर बस सास लेता
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