लघुकथा – कोई बहाना नहीं चलेगा
बहुत प्रतीक्षा के बाद अभी-अभी पारिजात का छोटा-सा मैसेज आया था- ”मां मैं दो दिनों में पहुंच रहा हूं, आप
Read Moreबहुत प्रतीक्षा के बाद अभी-अभी पारिजात का छोटा-सा मैसेज आया था- ”मां मैं दो दिनों में पहुंच रहा हूं, आप
Read Moreप्रगति मैदान में पहुँचते ही शीला अचकचा गयी भीड़ को देख।आगे बढ़ी तो कई दुकाने लगी हुई थीं। किस में
Read Moreबचपन में बालक ध्रुव की पौराणिक गाथा सुनी थी, जो बहुत प्रेरक लगी थी. तपस्या करते हुए बालक ध्रुव को
Read Moreआज सुमित ने एक अनमोल वचन पढ़ा- ”भूख रिश्तों को भी लगती है, प्यार कभी परोसकर तो देखिए.” रिश्तों को
Read Moreआज सुबह-सुबह स्वामी विवेकानंद का एक सुविचार पढ़ने को मिला- “उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत.” अर्थात् उठो, जागो, और ध्येय की
Read Moreस्कूल जाने के समय कई बार ज्योति का पेट दर्द होता था। कुछ समय बाद वह घर में ही खेलती
Read More”हे भगवान, यह कितना भयानक सपना था!” तड़के-तड़के झुनकू घबराकर उठ गया था. ”ऐसा क्या देख लिया जी आपने?” झुनकू
Read More”बहिनों और भाइयों, हमारे मन की आवाज है- छिड़ने दो न्याय के तारों को रोको अन्याय के धारों को. अस्पतालों
Read Moreमैंने सपने में भी नहीं सोचा था, कि एक नया अवसर इतने नये अवसरों का जन्मदाता हो सकता है. आज
Read More“माँ! माँ आज मैं बेहद खुश हूँ… आप पूछेंगी ही क्या कारण है… पहले ही बता दूँ कि हमारी सारी
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