बांसुरी
बांसुरी वादन से खिल जाते थे कमल वृक्षों से आँसू बहने लगते स्वर में स्वर मिलाकर नाचने लगते थे मोर
Read Moreहम से हम हैं तुम से तुम कुछ नजदीक घराना होगा रूठा ही सही याराना होगा शब्दों के मतलब मर्म
Read Moreसूर्यास्त का समय और संध्या काल जैसे रात को दे रहा निमंत्रण सूर्य क्षितिज में समां रहा,और तमस का हो
Read Moreभौरे की निंद्रास्थली होती बंद कमल में उठाती है सूरज की पहली किरण देती दस्तक खुल जाती द्वार की तरह
Read Moreआकाश को निहारते मोर सोच रहे , बादल भी इज्जत वाले हो गए बिन बुलाए बरसते नहीं शायद बदल को
Read Moreबातों ही बातों में कुछ ऐसी बात हो गई बन गया मन से मन का रिश्ता और हमें खबर तक
Read Moreएक तो प्रसव पीड़ा का दर्द उसपर घरवालों का डर कैसे रोक पाए वो माँ अपने झरझराते आंसुओं को खाए
Read Moreफुर्सत में…….गीत लिखूँगा, पर अपनी ही प्रीत लिखूंगा। एक रोज जो दिया अचानक, आज वही संगीत लिखूँगा।।1।। एकदम से जीवन
Read More(१) बहुत ज़रूरी है मेरे गाँव के तालाब का ज़िंदा रहना क्योंकि यह तालाब मात्र गड्ढा नहीं यह हृदय है
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