अहतियात
हर कदम यंहा रखना अहतियात से, हर डगर यहाँ की काँटों भरी है, नेकी भी यहाँ करना तो ज़रा संभल
Read Moreनींद भी रात की दिवानी थी। सिर्फ ये आँख तक कहानी थी। ख्वाब देखा हरेक बचपन में खुश तभी मेरी
Read Moreमेरे पास और कुछ हो न हो एक दीप है जो प्रज्वलित है आत्मा की ऊष्मा से जो आलोकित है
Read Moreसचमुच गरीब की जिंदगी एक पान के बीडे की तरह सर्वत्र सुलभ है उसे जब चाहो तब खरीद लो और
Read Moreबता तेरे लिए क्या लिख दूँ..? बारिश की गिरती फुहार लिख दूँ, ज़िन्दगी में ना आयी जो बहार लिख दूँ,
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