संस्मरण

संस्मरण

पिताजी सबसे बड़े शुभ-चिंतक

मेरे पिताजी एक साधारण किसान हैं। धैर्य, साहस, ईमानदारी और वात्सल्यता ही इनकी पहचान है। अपने खून-पसीने,स्नेह-प्यार से सिंच कर

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